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अनोखी जानकारी >> अमेरिका ने क्यों लता मंगेशकर का गला ख़रीदा ?
दोस्तों भारतीय सिनेमा जगत की स्वर कोकिला नाम से मशहूर गायिका लता मंगेशकर जी का नाम तो आपने सुना ही होगा जिनका रविवार सुबह 92 साल की उम्र मैं निधन हो गया है. भारत ही नहीं बल्कि दूसरे देशों में भी ग़म का माहौल छाया हुआ है. जिन्होंने अपने पूरे जीवन काल मैं अपनी सुरीली आवाज के गानों से भारत को ही नहीं बल्कि विदेशों मैं भी अपने फेन्स बना लिए हैं.
और तो और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार की तरफ से लता मंगेशकर को ट्वीट किया है कि , लता "एक महान गायिका नहीं रहीं. बल्कि लता मंगेशकर सुरों की रानी थीं जिन्होंने दशकों तक संगीत की दुनिया पर राज किया. वह संगीत की बेताज रानी थीं. उनकी आवाज़ आने वाले समय में भी लोगों के दिलों पर राज करती रहेगी."
उनका फ़िल्मी संगीत करियर आधी सदी से भी ज़्यादा लंबा रहा जिसमें उन्होंने 36 भारतीय भाषाओं में 30 हज़ार से ज़्यादा गाने गाए. आपको बता दें कि 1943 में आई मराठी फ़िल्म गजभाऊ में उन्होंने कुछ लाइनें और कुछ शब्द गाए भी थे. और ये फ़िल्मों में उनका पहला गीत था.
लता मंगेशकर ने अपना पहला हिंदी फ़िल्मी गाना 1949 में आई फ़िल्म 'महल' के लिए गाया था. इस फ़िल्म में उनकी गायकी की काफ़ी तारीफ़ हुई थी.
फ़िल्म महल में उनके गाने को मशहूर संगीतकारों ने नोटिस किया और उन्हें मौक़े मिलने लगे. इसके बाद अगले चार दशकों तक लता मंगेशकर ने हिंदी फ़िल्मों में हज़ारों गाने गाए.
जैसे :-
पाकीज़ा, मजबूर, आवारा, मुग़ल-ए-आज़म, श्री 420, अराधना और दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे जैसी रोमैंटिक फिल्मों में भी उन्होंने गाने गाए.
जब लता मंगेशकर ने 1962 में चीन के साथ हुए युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों के सम्मान में ऐ मेरे वतन के लोगों नाम का गीत गाया था, तो भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की आँखें भी भर आई थीं.
जिसके बाद पुरे देश मैं लता जी के गाने मशहूर हो गए और लता जी प्रशिद्ध स्वर कोकिला के नाम से जाने जाने लगी |
लेकिन सवाल ये उठता है कि आखिर क्यों अमेरिका के वैज्ञानिकों ने लता जी का गला कई लाख डॉलर देकर ख़रीदा
आखिर इसके पीछे क्या कारण है. वैज्ञानिकों का इसके पीछे क्या मकसद हो सकता है.
आखिर क्यों अमेरिका के वैज्ञानिकों ने लता जी का गला ख़रीदा?
दोस्तों संगीत की दुनिया में कई बड़े-बड़े संगीतकारों ने जन्म लिया, लेकिन लता मंगेशकर उन सब में सबसे अलग और खास थीं. उन्हें सुन कर ऐसा लगता था, जैसे मानों उनके कंठ में स्वयं मां सरस्वती विराजमान हैं. लता दीदी की मीठी आवाज में एक सुकून था, जिसे सुनकर दिल को काफी ठंडक मिलती थी.
क्यूंकि उनकी आवाज के चर्चे सिर्फ देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी मशहूर थे. इसलिये उनकी सुरीली आवाज हमेशा से वैज्ञानिकों के लिये रिसर्च का एक मुद्दा रही थी .और ये भी कहा जाता है कि विदेशी उनके वोकल कॉर्ड पर रिसर्च करना चाहते हैं. इसलिये उनका गला अमेरिका में रिसर्च के लिये रखा गया है. इसलिए कहा जा रहा है कि अमेरिका सरकार ने उनका गला कई लाख डॉलर मैं खरीद लिया है।
और अब देखते हैं कि आखिर रिसर्च के दौरान उनके गले मैं वो कौनसी चमत्कारी गुण था जिसके कारण लता मंगेशकर जी के सुरीली आवाज के सभी दीवाने थे |
दोस्तों आज की पोस्ट आपको कैसी लगी कमेंट करके जरुर बताना हम उम्मीद करते हैं आपको ये पोस्ट काफी मददगार साबित हुई होगी.
धन्यबाद
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