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धरती के नीचे क्या है ? धरती से जुड़े अनेक रहस्य | Dharti ke neche kya hai.

                                                               रोचक तथ्य 


रोचक तथ्य >> धरती के नीचे क्या है ? धरती से जुड़े अनेक रहस्य |




दोस्तों क्या आप जानते हैं कि हमारी प्रथ्वी  के नीचे क्या है प्रथ्वी के ऊपर तो अन्तरिक्ष है जिसमें तारे हैं लेकिन सवाल ये उठता है कि आखिर प्रथ्वी के नीचे क्या  है और इसकी गहराई मैं कौन - कौन से रहस्य छुपे हुए हैं | जिनसे इंसान अभी तक अनजान है | तो बने रहिये हमारे साथ आज हम जानेगे |


''दरअसल दोस्तों प्रथ्वी की गहराई जानने से पहले आपको प्रथ्वी की परतों को जानना होगा | जो इस प्रकार हैं प्रथ्वी की  जो परतें होती हैं वो तीन भागों मैं विभाजित हैं |


(1) भूपर्पटी ( Crust )

(2) मध्यवर्ती ( Mentle )

(3) क्रोड़      ( Core )




(1) भूपर्पटी ( Crust ) - भूपर्पटी प्रथ्वी की सबसे ऊपरी परत होती है जो अत्यंत ठोस होती है | इसकी गहराई लगभग 24  किलोमीटर तक होती है लेकिन हमारी प्रथ्वी मैं जो सबसे बड़ा गड्ढा खोदा गया है वो मात्र 12 किलोमीटर तक ही खोदा गया है जो रूस मैं है जिसका नाम सुपरडीप बोरहोल है इससे ज्यादा अभी तक धरती को नहीं खोदा गया | इसी परत मैं सभी नदियाँ ,झरने,झील और समुन्द्र भी समाहित हैं और आपकी जानकारी के लिए बता दूँ की ये परत भी तीन भागों मैं विभाजित है अवसादी परत , ग्रेनाईट परत ,बेसाल्टिक परत | इस परत मैं आक्सीजन सर्वाधिक मात्र मैं पाई जाती है |


अब चलते हैं प्रथ्वी के नीचे दूसरी परत पर जिसका नाम है -


(2) मध्यवर्ती ( Mentle ) - मेटल परत का विस्तार 2890 किलोमीटर गहराई तक होता है | जन्हा इसका दाब 140 Gpa तक पाया जाता है और मेटल की इस परत मैं अत्यधिक गर्म धारायें चलती हैं इसी भाग मैं अत्यधिक तापमान 400 डिग्री C तक होता है जिससे  यंहा पर पानी का गाढ़ापन और साथ ही कुछ खनिज पदार्थ जैसे कोलतार एबं लचीली गर्म चट्टानें पाई जाती हैं |


इसके बाद बात करते हैं हमारी तीसरी परत के बारे मैं जिसका नाम है -


(3) क्रोड़ ( Core ) - यह प्रथ्वी की सबसे निचली परत होती है जिसको कोर बोला जाता है | इस परत पर हमें निकिल और लोहा जैसे तत्व मिलते हैं क्रोड़ का भार प्रथ्वी के भार का लगभग 1/3 है | इसकी भी दो परते होती हैं भीतरी परत और बाहरी परत इसकी गहराई 2900 किलोमीटर से 5150 किलोमीटर तक होती है और भीतरी परत की गहराई  5150 - 6371 किलोमीटर प्रथ्वी के केंद्र तक फैली हुई है जिसके कारण भूकंपीय तरंगे इस बाहरी परत को भेद नहीं पाती जिसके कारण इस परत मैं जो पदार्थ है वो हमेशा द्रव अवस्था मैं रहता है | और जो आंतरिक परत होती है वो अत्यंत कठोर होती है |




दोस्तों हमारे वैज्ञानिकों का मानना है कि   कोर मैं अत्यधिक गर्म लावा पाया जाता है जो लाल तप्त द्रव अवस्था मैं पाया जाता है | और ये सिर्फ हमारे वैज्ञानिकों द्वारा कुछ भूमि यंत्रो द्वारा ही पता लगाया गया है | हालाकि ये बात अलग है कि अभी तक इस परत पर कोई नहीं जा सका क्यूंकि यंहा पर तापमान इतना अधिक है की व्यक्ति प्रथ्वी की दूसरी परत को ही पार नहीं कर पायेगा | और उसकी मौत हो जायेगी ना मशीन साथ देगी और ना साइंस सब धरी की धरी रह जायेंगी | इसके बारे मैं कल्पना करना ही उचित होगा | मेरे ख्याल से आप समझ गए होंगे की प्रथ्वी के नीचे क्या है |


आपका क्या कहना है धरती की इन गहराईयों के बारे मैं मुझे कमेंट करके जरुर बताना |


उम्मीद करता हूँ कि आपको यह पोस्ट पसंद आई होगी और साथ ही आपके लिए नॉलेज फुल रही होगी |


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