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डायनासोर का अंत और इंसानों का जन्म ! The end of dinosaurs and the birth of humans.

                                                     अनोखी जानकारी 



रोचक तथ्य >> डायनासोर का अंत और इंसानों का जन्म |



दोस्तों ये बात तो आप सभी जानते हो कि करोड़ों साल पहले डायनासोर एक प्रजाति हुआ करती थी.. जो आज धरती से पूरी तरह विलुप्त हो चुकी है. लेकिन जब हम डायनासोर के बारे में सुनते है तब हमारे दिमाग में यह सवाल जरुर आता है कि डायनासोर का अंत आखिर कैसे हुआ?


दोस्तों इस पोस्ट में हम कोशिश करेंगे आप सभी को डायनासोर की पूरी जानकारी देने की | 


दोस्तों डायनासोर जिसका यूनानी भाषा में अर्थ बड़ी छिपकली होता है आज से करोड़ों साल पहले ये विशालयकाय डायनासोर हमारी धरती पर राज करते थे, जो आकार मैं काफी विशाल हुआ करते थे  इनके इस विशाल शरीर को देखकर आज हर कोई मानव यही कल्पना करता है, कि शायद अगर यह विलुप्त न होते तो धरती पर मानव जीवन की कल्पना करना भी असंभव होता | और इस प्रथ्वी का एक अलग ही जीवन होता 


हालाँकि आज तक किसी ने डायनासोर को नहीं देखा बस वैज्ञानिकों के द्वारा एक अनुमान लगाया जाता है कि डायनासोर ने लगभग धरती पर 15 से 16 करोड़ साल राज किया होंगा। एक समय था जब पुरी दुनिया में इनका ही राज था | जरा सोचिये कि डायनासोर काल का वो समय आखिर कैसा होगा जन्हा मानव जीवन कुल सालों का होता है वही डायनासोर का जीवन करीबन 200 साल का होता था | लेकिन दुर्भाग्यवश यह जीव अचानक एक घटना से पूरी दुनिया से ग़ायब हो गए।


डायनासोर का अंत आखिर कैसे हुआ ?


दोस्तों वैज्ञानिकों का मानना है कि, डायनासोर का अंत एक बहुत बड़े ऐस्टरॉइड के धरती से टकराने से हुआ था | यह ऐस्टरॉइड मेक्सिको के युकटॉन प्रायद्वीप से टकराया था जिस वजह से उस जगह 113 मील चौड़ा और 20 मील गहरा गड्ढा बन गया था..


जब वैज्ञानिकों द्वारा इस गड्ढे की जांच हुई तो वहां की चट्टान में सल्फर कम्पाउन्ड पाया गया | ऐस्टरॉइड के चट्टान से टकराने के बाद यह चट्टान पूरी तरह धुल में परवर्तित हो गयी और पूरी पृथ्वी पर बहुत तबाही मच गई थी , इसके परिणामस्वरूप पूरी धरती एकदम से ठंडी हो गई और पूरे एक दशक तक इसी स्थिति में रही | इन सभी कारणों से लगभग ये अनुमान लगाया जाता है कि उस समय जितने भी बड़े - छोटे जीव थे सभी की म्रत्यु हो गयी होगी |


एक बात जो वैज्ञानिकों के सामने आई है की अगर यह ऐस्टरॉइड धरती से 30 सेकंड पहले या 30 सेकंड बाद भी टकराते तो डायनासोर शायद ख़त्म ही नहीं होते और यह ऐस्टरॉइड अटलांटिक या प्रशांत महासागर के गहरे पानी में गिरता | और जब ये ऐस्टरॉइड पानी मैं गिरता तो पानी वाले भूभाग पर इसका असर बहुत कम होता और शायद डायनासोर को कोई नुकसान नहीं पहुँचता | और वे आज भी जिन्दा होते |


दोस्तों कुछ जीवाश्म विज्ञानियों ने डायनासोर के अब तक 500 विभिन्न वंशों और 1000 से अधिक प्रजातियों की पहचान की है और इनके अवशेष पृथ्वी के हर महाद्वीप पर पाये जाते है | आप लोगो को शायद ये बात जानकर हैरानी होगी कि सभी डायनासोर मांसाहारी नहीं होते थे कुछ डायनासोर की प्रजाति शाकाहारी भी माने जाते है | कुछ डायनासोर मानव आकार के तो कुछ मानव से भी छोटे होते थे | कुछ डायनासोर की पूंछ 45 फीट से भी ज्यादा लम्बी होती थी जो भागते समय उनका संतुलन बनाने में मदद करती थी...


दोस्तों आपको बता दें कि जितने भी तथ्य इस प्रजाति के बारे में दिए गये है सभी वैज्ञानिकों के अनुमान और अवशेष के तौर पर दिए गये है. जब डायनासोर का युग हुआ करता था उस समय मानव जाती इस धरती पर अस्तित्व में ही नहीं थी अगर होती भी तो शायद ही कोई इस विशाल जानवर से बच पाता |



आपको बता दें कि डायनासोर दो तरह के होते थे शाकाहारी और मांसाहारी शाकाहारी डायनासोर अपनी सुरक्षा के लिए एक साथ झुण्ड में रहना अधिक पसंद करते थे | और हरे पेड़ पौधों की पत्तियां खाते थे |


और वही पर मांसाहारी डायनासोर अपने दो पैरों पर भागते थे इससे उन्हें भागने में भी आसानी होती और अपने दोनों हाथों से शिकार भी कर लेते | और ये अपने से छोटे जानवरों का शिकार करते थे | लेकिन ज्यादातर शाकाहारी डायनासोर अपने चारों पैर का इस्तेमाल करते इससे उनका भारी शरीर संतुलित रहता था.


डायनासोर अक्सर चट्टान भी निगल लेते थे यह चट्टान उनके पेट में भोजन को पीसने में मदद करते थे.


दोस्तों ये बात किसी को नहीं पता कि एक डायनासोर का जीवनकाल कितना होता था लेकिन कुछ वैज्ञानिक अनुमान के हिसाब से और अनेक रिसर्च से यह पता चला की इनका जीवन  लगभग 200 साल का होता था |


डायनासोर इस धरती पर लगभग 16 करोड़ साल तक अस्तित्व में रहे लेकिन मानव ने अभी तक सिर्फ 25 लाख साल गुजारे है उस हिसाब से डायनासोर ने हम लोगो से करीब 64 गुना ज्यादा समय धरती पर राज किया था | 


दोस्तों वैसे देखा जाये तो यह डायनासोर कैसे खत्म हुए ? यह अभी भी एक रहस्य बना है। कुछ परिकल्पनाओं को अनदेखा करते हुए कुछ प्रमाण इन परिकल्पना से मिलते हैं।


उदाहरण के लिए देखा जाये तो, मनुष्य और डायनासोर के बीच लगभग 50-60 लाखों वर्ष का अंतर है, मगर हम रॉक पेंटिंग और प्राचीन कला के अन्य रूपों की संरचना देख सकते हैं, जो मनुष्यों से परिचित हैं और डायनासोर के साथ रहते हुए दिखते हैं, 


दोस्तों हम उम्मीद करते हैं कि आपको ये पोस्ट संतोषजनक लगी होगी शायद आपके नोलेज के लिए बहुत ही मदद गार साबित हुई होगी |



                                                 धन्यबाद 






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