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साँपों से भरा आइलैंड ! The Snake Island in hindi.

                                     अनोखी जानकारी 


अनोखी जानकारी >> करोड़ों साँपों से भरी नदी



दोस्तों इस प्रथ्वी पर अनेक जहरीले जीव - जंतुओं का बसेरा है जिनसे हमें हर पर सावधान रहने की आवश्यकता होती है. क्यूंकि पता नहीं कब कौनसा जहरीला जानवर आकर हमें काट दे | और इन जानवरों मैं यदि सबसे जहरीले जानवर की बात करें तो एकमात्र सांप ही वो जानवर है जो अत्यंत जहरीला होता है जिसके काटने से अनेक लोगों की मौत बड़ी ही आसानी से हो जाती है |


दोस्तों WHO की रिपोर्ट के मुताबिक देखा जाए तो साँपों की लगभग 3000 से भी ज्यादा प्रजातियों होती हैं जिनमें से लगभग 600 प्रजातियाँ अत्यंत जहरीली और घातक  होती हैं |


यदि इस आकडे के हिसाब से अंदाजा लगाया जाए तो दुनिया भर में तकरीबन 20% सांप जहरीले होते हैं लेकिन इसके बावजूद जहरीले साँपों द्वारा काटे जाने से होने वाली मौतों की घटनाओं में लगभग 45% लोग सांप के जहर से नहीं बल्कि सांप के काटने के डर से ही मर जाते हैं |


अब इसी बात से आप समझ जाइए कि हमारा मस्तिष्क हमारे शरीर के लिए कितना ताकतवर है यूं तो दुनिया भर के वैज्ञानिकों द्वारा हर तरह के जानवरों पर एक्सपेरिमेंट किए गए हैं और उनसे अनेकों तरह के लाभ भी मिले लेकिन हर बार एक्सपेरिमेंट का पॉजिटिव रिजल्ट आए ऐसा जरूरी नहीं है कभी-कभी वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक्सपेरिमेंट में बहुत भारी नुकसान भी उठाना पड़ता है |


उदाहरण के तौर पर कोरोनावायरस चमगादड़ पर किए जाने वाले एक्सपेरीमेंट  का ही घातक परिणाम है इसके अलावा मैरी क्यूरी भी अपने उसी आविष्कार के कारण ही मरी थी | जिस आविष्कार ने दुनिया को एक बेहतर बनाया आज की  वीडियो में हम लोग आपको एक ऐसे एक्सपेरिमेंट के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने एक अच्छे खासे टापू को विश्व की सबसे खतरनाक जगह में परिवर्तित कर दिया था |


आखिर क्यों इस आइलैंड पर करोड़ों सांप हैं ?

दोस्तों यह बात है करीब सन 1600 के आसपास की जब कई सारे वैज्ञानिकों की टीम अलग-अलग बायोलॉजिकल टॉपिक्स पर एक्सपेरिमेंट कर रही थी उन्हीं में से वैज्ञानिकों की एक टीम सांपों के जहर पर एक्सपेरिमेंट कर रही थी. इस मकसद से कि वह अपने शोध की मदद से सांपों के जहर से दवाई बना सके एक्सपेरिमेंट के लिए टीम को तलाश थी. एक ऐसी सुनसान जगह की जहां आम पब्लिक ना जा सके और उसके लिए उन्होंने ब्राज़ील के एक खूबसूरत आईलैंड को चुना सुनसान जगह चुनने के पीछे का कारण था |


कि वैसे तो एक्सपेरिमेंट पर हर एक चीज का पूरा ध्यान रखा जाता लेकिन अगर भूल से भी कोई गलती हो जाती तो इससे लाखों मासूमों की जान जाने के लिए आसार थे. ब्राज़ील का ये आइलैंड चारों ओर समुद्र से घिरा हुआ और पूरी तरह से हरा-भरा भी था प्राकृतिक सुंदरता से भरे इस आइलैंड का नाम उस वक्त ILHA DA QUEIMADA था |


एक्सपेरिमेंट के लिए दुनिया भर से घातक और जहरीले साँपों को ढूंढ ढूंढ कर लाया गया और शुरू मैं यह तय किया गया की इस एक्सपेरिमेंट को कम से कम 2 से 3 साल चलाया जाएगा और उसके बाद बंद कर दिया जाएगा लेकिन एक्सपेरिमेंट उस तरह से नहीं हो पाया जैसा सोचा गया था |


और इसी वजह से यह एक्सपेरिमेंट दो या तीन साल नहीं बल्कि पूरे 10 सालों तक चला था ऐसे मैं जाहिर सी बात है कि दुनिया भर के खतरनाक सांपों के बीच इंसानों का सही सलामत रहना भी एक प्रकार से असंभव है और इसी वजह से दुर्भाग्यवश इस एक्सपेरिमेंट के दौरान भी लगभग 28 होनहार वैज्ञानिकों की मौत हो गई थी और उनकी मौत का कारण उन्ही साँपों का खतरनाक जहर था |


जिस पर शोध करने के लिए उन्होंने अपना घर परिवार छोड़ा था 10 साल पूरे होने के बाद जब वैज्ञानिकों के शोध पूरी हुई तो आईलैंड पर काम खत्म होने के बाद वहां के वैज्ञानिक तो वापस आ गए लेकिन किसी भी प्रकार से जिन सांपों को वह अपने साथ ले गए थे उनको वापस ला पाना असंभव था. जिस वजह से दुनिया भर के खतरनाक सांपों की प्रजातियां वही उसी हरे-भरे आईलैंड पर रह गए धीरे-धीरे समय बीतता गया और वहां रहने वाले सांपों की तादाद बढ़ती है लगभग 300 सालों में सांपों की संख्या इतनी अधिक बढ़ गई कि उस  आइलैंड पर सिर्फ और सिर्फ सांप ही सांप  हो गए और जब यह खबर आई तो उस  सुंदर से आइलैंड का नामकरण किया गया और उसका नाम दिया गया है The Snake आइलैंड |


आज वहां की स्थिति इतनी भयानक है कि उन सांपों को खाने के लिए वहां पर कुछ भी नहीं है ना तो कोई पशु और ना ही कोई पक्षी जिस वजह से उस आइलैंड पर आज सांपों का ही राज चलता है जब एक अच्छे खासे टापू की यह स्थिति सुनो तब सवाल आता है कि आखिर वैज्ञानिकों को खतरनाक सांपों के जहर पर ही एक्सपेरिमेंट करने की क्या जरूरत पड़ी |


तो चलिए इसके जवाब से भी आपको रूबरू कराते हैं. दरअसल हमारे प्राचीन ग्रंथों में कई ऐसी औषधियों का वर्णन है जिसमें सांप के जहर की उपयोगिता बताई गई है और तो और चीन के पुराने वैद्य भी लम्बे समय से सांपों की दवाइयाँ बनाने का दावा कर रहे थे |


आज के समय में कीमोथेरेपी के बारे में तो हम सभी जानते ही हैं जो किसी कैंसर पेशेंट के लिए उसकी आखिरी उम्मीद होती है दरअसल होता क्या है कि कीमोथेरेपी के द्वारा कैंसर के बैक्टीरिया को नष्ट किया जाता है और आप चौक जायेंगे पर कीमोथेरेपी में प्रयोग होने वाली दवा सांपों के शहर से ही बनी होती है और ऐसा इसलिए क्योंकि कैंसर के बैक्टीरिया को मारने के लिए एक Strong Poison  की  जरूरत होती है. और इतना भयानक जहर तो सांप की किसी भयानक प्रजाति से ही पाया जा सकता है |


दोस्तों अब तो आप जान ही गए होंगे कि सांपों का जहर एक ओर जहां जानलेवा है. वहीं दूसरी ओर यह खतरनाक बीमारी से मुक्ति दिलाकर जान भी बचा सकता है यही वजह है कि चीन जैसे देश में सांपों का व्यापार बहुत ज्यादा मात्रा मैं होता है |


चीन की दवा कंपनियां सांपों का व्यापार करती है और उसके जहर से ऐसी दुर्लभ दबाए बनाती हैं जिनकी दुनिया भर में बहुत डिमांड है और लोग उनके लिए मुंह मांगी कीमत देने को तैयार रहते हैं वैज्ञानिक जब  ब्राज़ील के आइलैंड को छोड़कर वापस आ गए तो वहां पर गवर्नमेंट द्वारा आयरलैंड के बीचोबीच एक लाइट हाउस बनाया गया यह लाइटहाउस समुद्री जहाज़ों को रात के अंधेरे में दिशा दिखाने का काम करता था | 


लाइटहाउस बनने के कुछ समय बाद एक केयरटेकर को लाइट हाउस की देख रेख  के लिए वहां भेजा गया यह जानते हुए कि आईलैंड पूरी तरह से जहरीले सांपों से भरा हुआ है वह व्यक्ति अपनी ड्यूटी के फर्ज को निभाते हुए अपनी फैमिली के साथ वहां रहने के लिए चला गया किसी तरह से वह हाउस की पर भी अपनी फैमिली के साथ लाइट हाउस में सावधानी बरतते हुए पूरे 20 साल तक वहां पर रहा पर एक छोटी सी गलती उस हाउस कीपर और उसकी पूरी फैमिली की मौत का कारण बन गई यूं तो हाउस कीपर हमेशा सांपों से सतर्क रहता था और सारे खिड़की दरवाजे बंद रखता था लेकिन एक रात सोते समय गलती से खिड़की खुली रह गई |


और सांप जैसे जीव के लिए छोटी सी जगह ही पर्याप्त होती है अंदर जाने के लिए फिर क्या था खिड़की से उसी रात सारे सांप घर के अंदर आ गए और उस हाउसकीपर तथा उसकी फैमिली को डसकर उन्हें मौत की नींद सुला दिया क्योंकि आईलैंड समुद्र के बीचो-बीच ब्राज़ील शहर से दूर था. इसलिए शहर से कोई सहायता पहुँचने मैं भी काफी समय लग गया जब तक पुलिस और डॉक्टर उस आइलैंड पर पहुंचते तब तक बहुत देर हो चुकी थी और जैसे वो उनके कमरे में पहुंचे वह सभी वहां मृत पड़े हुए थे इस खतरनाक जानलेवा घटना के बाद कोई भी व्यक्ति आईलैंड पर देखने भी नहीं गया |


रहना तो दूर की बात यह घटना ऐसी भयाभय थी. कि इसके बाद सख्त कदम उठाए गए जिसके अंतर्गत ब्राजीलियन नेवी  ने आम इंसानों का इस जगह पर जाना प्रतिबंधित कर दिया और यह प्रतिबंध आज तक लगा है इस आइलैंड पर केवल सांप से जुड़े विशेषज्ञों को ही शोध के लिए जाने की अनुमति है और उस मिशन को पाने के लिए काफी पापड़ बेलने पड़ते हैं हालांकि वह भी केवल तटीय इलाके में ही शोध करके लौट आते हैं आइलैंड के अंदर जाने की हिम्मत उनकी भी नहीं होती कुछ ही समय पहले एक मछुआरे से संबंधित घटना सामने आई.


जिसमें कुछ मछुआरे गलती से अपनी नाव  के साथ उस आइलैंड पर पहुंच गए और उन्होंने किनारे पर केले के पेड़ देखें जिनमें से एक मछुआरा उतरकर के लिए तोड़ने के लिए जाता है लेकिन इससे पहले कि वह केले तोड़ पाया एक जहरीले सांप ने उसे डस लिया उसके साथ ही तुरंत उसे वापस लेकर आएं ताकि जल्द से जल्द उसका इलाज किया जा सके लेकिन उस आइलैंड  पर रहने वाले सांप इतने खतरनाक है कि उनके काटने के बाद कोई व्यक्ति जीवित बच ही नहीं सकता और उस मछुआरे ने किनारे पर पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया करते हैं |


हालाँकि चोरी छिपे कोई शिकारी सपेरे इस  आइलैंड पर जाकर अवैध रूप से सांपों को पकड़ते हैं और उन्हें बेच देते हैं लेकिन कोई शिकारी सपेरों में से बहुत ही कम ऐसे होते हैं जो वापस जिंदा आ पाते हैं. हालांकि वहां पर कुछ ऐसे सांप भी पाए जाते हैं जिनकी कीमत करोड़ों में होती है और जो साहसी वहां जाकर उन्हें ला पाए और उन्होंने  गैरकानूनी मार्केट में करोड़ों कमाए भी हैं |


जानकारी के अनुसार आज के समय में इस आइलैंड पर इतने अधिक सांप हो गए हैं जिनकी गिनती का अंदाजा लगाना भी मुश्किल है लेकिन स्थिति ये है कि वह सभी सांपों को वहां पर खाने के लिए कुछ भी नहीं है क्योंकि आईलैंड पर पहले से जो अन्न जीव जंतु थे उन्हें तो साँपों ने अपना शिकार पहले ही बना लिया और अब बड़े सांप ही छोटे साँपों को खाकर अपना पेट भर रहे हैं |


स्नेक आइलैंड पर वाईपर प्रजाति के सांप मिलते हैं और ऐसा माना जाता है कि इस प्रजाति के सांपों के पास उड़ने की भी क्षमता होती है. कहते हैं इन सांपों का जहर इतना ज्यादा खतरनाक होता है कि वह इंसान का मांस भी गला देता है इस आइलैंड की भयानकता इतनी ज्यादा है कि आकाश में उड़ने वाले पक्षी भी इससे दूर ही रहते हैं |


क्योंकि शायद उन पक्षियों को भी यहां के उड़ने वाले सांपों के बारे में पता चल गया होगा अगर यही स्थिति रही तो वह आइलैंड  पर रहने वाले सांपों में से कुछ तो अपने साथियों को ही खा लेंगे और उसके बाद बचे हुए सांप भूख के मारे तड़प तड़प कर ही मर जाएंगे प्राकृतिक तौर पर देखें तो इस स्थिति उत्पन्न होने में अभी कम से कम 2.5 दशकों का समय लगेगा क्योंकि सांपों की औसतन उम्र ही इतनी होती है कि उतने वक्त में इंसानों की पीढ़ियां गुजर जाती है |


तो दोस्तों आपके लिए तो हमारा कहना बस यही है कि कभी भी आप ब्राज़ील घूमने जाओ तो उस जहरीले साँपों से भरे आइलैंड पर कभी भी मत जाना यदि अपनी जान की सलामती चाहते हो तो |


हम उम्मीद करते हैं कि आपको ये पोस्ट काफी मददगार साबित हुई होगी |


                             धन्यबाद 


                                                             

 

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